झारखंड के विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार को जड़ से करेंगे खत्म : राज्यपाल

रांची : सीपी राधाकृष्णन ने सोमवार को बतौर झारखंड के राज्यपाल के रूप में सोमवार को चार महीने पूरे कर लिए। राज्यपाल ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार और सभी अनियमिताओं को जड़ से समाप्त करेंगे। दो-तीन साल में विश्वविद्यालयों में कई सुधार किए जाएंगे। उन्होंने अपने कार्यकाल चार महीने पूरे होने पर कहा कि मैं अपने सभी विवि को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का प्रयास कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि राज्य के विवि में फर्जी प्रमाण पत्र नहीं बनेंगे। राज्यपाल ने कहा कि सभी विवि को एक विजन दस्तावेज और 2035 तक की रणनीति तैयार करने के लिए कहा गया है। विवि और कॉलेजों की भूमिका केवल डिग्री प्रदान करना नहीं, बल्कि छात्रों को ज्ञान, प्रासंगिक कौशल, पेशेवर दृष्टिकोण और आत्मविश्वास के साथ सक्षम बनाना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और खेल गतिविधियों में प्रौद्योगिकी को भी बढ़ावा देना चाहिए, क्योंकि झारखंड के छात्र तीरंदाजी, एथलेटिक्स और अन्य खेलों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

राज्यपाल ने घोषणा की है कि सरकार से विवि में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मियों की नियुक्ति के लिए अलग सेवा आयोग बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2008 के बाद झारखंड में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों की भर्ती के लिए कोई बड़ा अभियान नहीं चलाया गया।राज्यपाल ने कहा कि राज्य के किसी विश्वविद्यालय को देश के शीर्ष 100 विवि की सूची में शामिल नहीं किया गया। मैं अपने स्तर पर पूरी कोशिश कर रहा हूं कि अगले तीन-चार साल में कम से कम पांच विवि सूची में होने चाहिए, ताकि लोग झारखंड को प्रतिभाशाली मानव संसाधन के केंद्र के रूप में देखें।उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि 2008 के बाद प्रोफेसर या सहायक प्रोफेसर के पदों पर कोई बड़ी भर्ती नहीं हुई और पदोन्नति भी रुकी हुई है। राज्यपाल ने कहा कि वे कुलपतियों के चयन में हस्तक्षेप नहीं करते हैं। यह पूरी तरह पारदर्शी है। मैं प्रणाली के अनुसार काम करता हूं। मैं उचित कुलपतियों को नियुक्त करने की कोशिश कर रहा हूं, क्योंकि वे इस क्षेत्र में अग्रणी हैं और उन्हें नेतृत्व करना चाहिए। मैं राजभवन से उनकी निगरानी कर रहा हूं।

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